भागवत कथावाचक पूज्य श्री शैलेन्द्र कृष्णजी अपने कथावाचक बनने के पीछे का एकमेव कारण भगवान श्री बांके बिहारीजी और अपने पूज्य गुरुदेवजी की महती कृपा बताते हैं |
पूज्य गुरुवर का नियम है कि जिस दिन वे कथा नहीं करते, उस दिन वे भोजन भी नहीं करते, क्योंकि उन्हें भगवान से, कथा से इतना प्रेम हो गया है, इतनी श्रद्धा, इतनी आस्था हो गई है
पूज्य गुरुवर सर्वधर्म समन्वय में विश्वास रखते हैं | यही कारण है कि हिंदू लोग तो पूज्य गुरुवर की कथा श्रवण करते ही हैं, लेकिन मुसलमान भी दूर-दूर से उनकी कथा सुनने आते हैं |